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"पंछीनामा-3 / इब्बार रब्बी" के अवतरणों में अंतर

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पंछी का नाम

इस पंछी का नाम क्या है
कोई भी तो नहीं
नाम तक नहीं रहा
कुछ ग्रीक में बता दें
हिन्दी में कुछ नहिं कहते
ब्रज में भी कुछ नहीं
दो सौ साल से किसी ने पुकारा नहीं
आदमी हमें जानता नहीं
हमारा कोई नाम नहीं रहा

अब लैटिन में मिलेगा
क़िताबों में दिखेगा
हमें कोई नहीं पुकारता

गिनती के सौ चिड़ीमार
यूँ ही कुछ कह लेते हैं।


रचनाकाल : भरतपुर, 18.10.1981