भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"स्टेशन पर विदा / अशोक वाजपेयी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अशोक वाजपेयी |संग्रह=शहर अब भी संभावना है / अशोक ...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
17:40, 3 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण
तू अपना यौवन, अपनी हँसी
मेरे पास छोड़ गई
और तुझे ले गई
कोयले और पानी से चलती एक रेलगाड़ी।
रचनाकाल : 1961