भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"वह / अशोक वाजपेयी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार = अशोक वाजपेयी }} {{KKCatKavita‎}} <poem> चुम्बन में आलिंगन में ...)
 
(कोई अंतर नहीं)

12:45, 5 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण

चुम्बन में
आलिंगन में
मर्दन में
रमण में
पारंगत वह
रसभरी परिपक्व रूपाम्बरा।

फिर भी
झिझक भरी
संकोच भरी
लाज भरी
अबोध प्रिया है वह
रूपाभा से दमकती युवती वह।


रचनाकाल :1990