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"स्थिति / रमेश कौशिक" के अवतरणों में अंतर

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11:20, 7 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण

दुख से दुराव नहीं
सुख का कुछ चाव नहीं
सुनता हूँ--
स्थिति में ऐसी
योगी बन जाते हैं
(पूजनीय, श्रद्धास्पद)

किन्तु मित्र
मैं तो मशीन बन गया हूँ
अपनी ही आँखों में
दीन बन गया हूँ