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"जो हवा में है / उमाशंकर तिवारी" के अवतरणों में अंतर

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जिन्दगी के रू ब रू चलना
 
जिन्दगी के रू ब रू चलना
 
रोशनी का हमसफर होना
 
रोशनी का हमसफर होना
उम्र की कन्दील जलना
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उम्र की कन्दील का जलना
 
आग जो जलते सफ़र में है
 
आग जो जलते सफ़र में है
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क्यों नहीं वह बात मुझमें है।
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रोज सूरज की तरह उगना
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शिखर पर चढ़ना, उतर जाना
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घाटियों पर रंग भर जाना
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फिर सुरंगों से गुजर जाना
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जो हँसी कच्ची उमर में है
 
क्यों नहीं वह बात मुझमें है।
 
क्यों नहीं वह बात मुझमें है।
  
  
 
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23:02, 10 सितम्बर 2009 का अवतरण

जो हवा में है, लहर में है
क्यों नहीं वह बात मुझमें है

शाम कन्धे पर लिये अपने
जिन्दगी के रू ब रू चलना
रोशनी का हमसफर होना
उम्र की कन्दील का जलना
आग जो जलते सफ़र में है
क्यों नहीं वह बात मुझमें है।

रोज सूरज की तरह उगना
शिखर पर चढ़ना, उतर जाना
घाटियों पर रंग भर जाना
फिर सुरंगों से गुजर जाना
जो हँसी कच्ची उमर में है
क्यों नहीं वह बात मुझमें है।