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"वह नहीं कहती / अशोक वाजपेयी" के अवतरणों में अंतर

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उसके पास थोड़ी सी गरमाहट---
 
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धूप नहीं कहती उसके पास अंतरिक्ष है
 
धूप नहीं कहती उसके पास अंतरिक्ष है

11:14, 31 अक्टूबर 2006 का अवतरण

कवि: अशोक वाजपेयी

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उसनें कहा

उसके पास एक छोटा सा ह्रदय है

जैसे धूप कहे

उसके पास थोड़ी सी रौशनी है

आग कहे

उसके पास थोड़ी सी गरमाहट---


धूप नहीं कहती उसके पास अंतरिक्ष है

आग नहीं कहती उसके पास लपटें

वह नहीं कहती उसके पास देह ।