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अच्छी है यही खुद्दारी क्या | अच्छी है यही खुद्दारी क्या |
21:35, 21 सितम्बर 2009 का अवतरण
अच्छी है यही खुद्दारी क्या
रख जेब में दुनियादारी क्या
जो दर्द छुपा के हंस दे हम
अश्कों से हुई गद्दारी क्या
हंस के जो मिलो सोचे दुनिया
मतलब है, छुपाया भारी क्या
वे देह के भूखे, क्या जाने
ये प्यार वफ़ा दिलदारी क्या
बातें तो कहे सच्ची "श्रद्धा"
वे सोचे, मीठी खारी क्या