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"तेरा यह करुण अवसान / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर
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+ | जब मिटा भ्रम का अँधेला, | ||
+ | जब जगी वरदान-बेला, | ||
+ | तू अनंत निशीथ-निद्रा में हुई लयमान! | ||
+ | तेरा यह करुण अवसान! | ||
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09:42, 28 सितम्बर 2009 का अवतरण
तेरा यह करुण अवसान!
जब तपस्या-काल बीता,
पाप हारा, पूण्य जीता,
विजयिनी, सहसा हुई तू, हाय, अंतर्धान!
तेरा यह करुण अवसान!
जब तुझे पहचान पाया,
देवता को जान पाया,
खींच तुझको ले गया तब काल का आह्वान!
तेरा यह करुण अवसान!
जब मिटा भ्रम का अँधेला,
जब जगी वरदान-बेला,
तू अनंत निशीथ-निद्रा में हुई लयमान!
तेरा यह करुण अवसान!