भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"किसके लिए? किसके लिए? / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=एकांत-संगीत / हरिवंशराय बच्चन
 
|संग्रह=एकांत-संगीत / हरिवंशराय बच्चन
 
}}
 
}}
 
+
{{KKCatKavita}}
 
किसके लिए? किसके लिए?
 
किसके लिए? किसके लिए?
  

14:15, 28 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण

किसके लिए? किसके लिए?

जीवन मुझे जो ताप दे,

जग जो मुझे अभिशाप दे,

जो काल भी संताप दे, उसको सदा सहता रहूँ,

किसके लिए? किसके लिए?


चाहे सुने कोई नहीं,

हो प्रतिध्‍वनित न कभी कहीं,

पर नित्‍य अपने गीत में निज वेदना कहता रहूँ,

किसके लिए? किसके लिए?


क्‍यों पूछता दिनकर नहीं,

क्‍यों पूछता गिरिवर नहीं,

क्‍यों पूछता निर्झर नहीं,

मेरी तरह, चलता रहूँ, गलता रहूँ, बहता रहूँ

किसके लिए? किसके लिए?