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"वर्षा राग-2 / उदय प्रकाश" के अवतरणों में अंतर

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कैसी हलचल आसमान ने मचा रखी है
 
कैसी हलचल आसमान ने मचा रखी है
 
कल-परसों से नहीं किसी ने धूप चखी है
 
कल-परसों से नहीं किसी ने धूप चखी है
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घड़ों-घड़ों पानी औटाओ, मूसलधार गिराओ
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लेकिन सब चुपचाप करो, चिड़ियों को नहीं डराओ!
 
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20:15, 28 सितम्बर 2009 का अवतरण

मैना डर कर फुर्र हो गई, बिजली तड़की
छींके के सपने में खोई पूसी भड़की
कैसी हलचल आसमान ने मचा रखी है
कल-परसों से नहीं किसी ने धूप चखी है

घड़ों-घड़ों पानी औटाओ, मूसलधार गिराओ
लेकिन सब चुपचाप करो, चिड़ियों को नहीं डराओ!