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"पुनः चमकेगा दिनकर / अटल बिहारी वाजपेयी" के अवतरणों में अंतर
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| − | आज़ादी का दिन मना, | + | <poem> | 
| − | नई ग़ुलामी बीच; | + | आज़ादी का दिन मना, | 
| − | सूखी धरती, सूना अंबर, | + | नई ग़ुलामी बीच; | 
| − | मन-आंगन में कीच; | + | सूखी धरती, सूना अंबर, | 
| − | मन-आंगम में कीच, | + | मन-आंगन में कीच; | 
| − | कमल सारे मुरझाए; | + | मन-आंगम में कीच, | 
| − | एक-एक कर बुझे दीप, | + | कमल सारे मुरझाए; | 
| − | अंधियारे छाए; | + | एक-एक कर बुझे दीप, | 
| − | कह क़ैदी कबिराय | + | अंधियारे छाए; | 
| − | न अपना छोटा जी कर; | + | कह क़ैदी कबिराय | 
| − | चीर निशा का वक्ष | + | न अपना छोटा जी कर; | 
| + | चीर निशा का वक्ष | ||
| पुनः चमकेगा दिनकर। | पुनः चमकेगा दिनकर। | ||
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23:48, 12 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण
आज़ादी का दिन मना,
नई ग़ुलामी बीच;
सूखी धरती, सूना अंबर,
मन-आंगन में कीच;
मन-आंगम में कीच,
कमल सारे मुरझाए;
एक-एक कर बुझे दीप,
अंधियारे छाए;
कह क़ैदी कबिराय
न अपना छोटा जी कर;
चीर निशा का वक्ष
पुनः चमकेगा दिनकर।
 
	
	

