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"आत्मा का वैभव / येलेना रेरिख़" के अवतरणों में अंतर

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00:45, 16 अक्टूबर 2009 का अवतरण

जब चमकता है आत्मा का वैभव
नश्वर काया के माध्यम से
क्या तुम्हें तब एहसास नहीं होता
कि शक्ति और आनन्द का संचार हो रहा है तुम्हारे भीतर?

क्या समस्त प्राणी सम्मिलित नहीं हैं
तुम्हारे प्रयासों के आनन्द में?
तब तुम्हारे समीप मैं होता हूँ
पर, तुम्हारे कान ध्यान नहीं देते मेरे पाँवों की आहट पर।


मूल रूसी भाषा से अनुवाद : वरयाम सिंह