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00:12, 3 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

रात क्या हुई
जैसे कोई बात हो गई
गर्वित ईमानदारी से
दिन भर पसीना जीता
फिर न जाने क्यों
शाम को
मजूरी में मात हो गई।