भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कालेमेग्दान / अज्ञेय" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
छो
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=कितनी नावों में कितनी बार / अज्ञेय
 
|संग्रह=कितनी नावों में कितनी बार / अज्ञेय
 
}}
 
}}
 
+
{{KKCatKavita}}
इधर <br>
+
<poem>
परकोटे और भीतरी दीवार के बीच <br>
+
इधर 
लम्बी खाई में <br>
+
परकोटे और भीतरी दीवार के बीच
ढंग से सँवरे हुए <br>
+
लम्बी खाई में
पिछले महायुद्ध के हथियारों के ढूह: <br>
+
ढंग से सँवरे हुए
रूण्डे टैंक, टुण्डी तोपें, नकचिपटे गोला-फेंक— <br>
+
पिछले महायुद्ध के हथियारों के ढूह:
सब की पपोटे-रहित अन्धी आँखें <br>
+
रूण्डे टैंक, टुण्डी तोपें, नकचिपटे गोला-फेंक—
ताक रहीं आकाश। <br>
+
सब की पपोटे-रहित अन्धी आँखें
 +
ताक रहीं आकाश।
  
उधर <br>
+
उधर
परकोटे और दीवार के बीच टीले पर <br>
+
परकोटे और दीवार के बीच टीले पर
बेढंगे झंखाड़ों से अधढँके <br>
+
बेढंगे झंखाड़ों से अधढँके
मठ और गिरजाघर के खंडहर <br>
+
मठ और गिरजाघर के खंडहर
चौकाठ-रहित खिड़कियों से उमड़ता अंधियार <br>
+
चौकाठ-रहित खिड़कियों से उमड़ता अंधियार
मनुष्यों को मानों खोजता हो धरती पर... <br>
+
मनुष्यों को मानों खोजता हो धरती पर...
  
ईश्वर रे, मेर बेचारे, <br>
+
ईश्वर रे, मेर बेचारे,
तेरे कौन रहे अधिक हत्यारे? <br> <br>
+
तेरे कौन रहे अधिक हत्यारे?  
  
 
<span style="font-size:14px">बेओग्राद, युगोस्लाविया]
 
<span style="font-size:14px">बेओग्राद, युगोस्लाविया]
 
----
 
----
 
''कालेमेग्दान'': सावा और दोगउ (डैन्यूब) के संगम पर प्राचान दुर्ग, जिस के भीतर अब अस्त्र-संग्रहालय भी है।</span>
 
''कालेमेग्दान'': सावा और दोगउ (डैन्यूब) के संगम पर प्राचान दुर्ग, जिस के भीतर अब अस्त्र-संग्रहालय भी है।</span>
 +
</poem>

21:47, 3 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

इधर
परकोटे और भीतरी दीवार के बीच
लम्बी खाई में
ढंग से सँवरे हुए
पिछले महायुद्ध के हथियारों के ढूह:
रूण्डे टैंक, टुण्डी तोपें, नकचिपटे गोला-फेंक—
सब की पपोटे-रहित अन्धी आँखें
ताक रहीं आकाश।

उधर
परकोटे और दीवार के बीच टीले पर
बेढंगे झंखाड़ों से अधढँके
मठ और गिरजाघर के खंडहर
चौकाठ-रहित खिड़कियों से उमड़ता अंधियार
मनुष्यों को मानों खोजता हो धरती पर...

ईश्वर रे, मेर बेचारे,
तेरे कौन रहे अधिक हत्यारे?

बेओग्राद, युगोस्लाविया]



कालेमेग्दान: सावा और दोगउ (डैन्यूब) के संगम पर प्राचान दुर्ग, जिस के भीतर अब अस्त्र-संग्रहालय भी है।