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"बाज़ार में / अनिल पाण्डेय" के अवतरणों में अंतर

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बिक रहा था सब कुछ  
 
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'कुछ' के साथ 'कुछ'  
 
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मिल रहा था उपहार में  
 
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आलू प्याज टमाटर की तरह  
 
आलू प्याज टमाटर की तरह  
 
 
भाव, विचार, रीति, सुनीति  
 
भाव, विचार, रीति, सुनीति  
 
 
सबके लगे थे भाव  
 
सबके लगे थे भाव  
 
 
फुटकर नहीं थोक में  
 
फुटकर नहीं थोक में  
 
 
    
 
    
 
लोग ख़रीद रहे थे  
 
लोग ख़रीद रहे थे  
 
 
सबके साथ सब  
 
सबके साथ सब  
 
 
कुछ के साथ सब  
 
कुछ के साथ सब  
 
 
एक के साथ सब  
 
एक के साथ सब  
 
 
कुछ को मिल रहा था  
 
कुछ को मिल रहा था  
 
 
कुछ व्यवहार में  
 
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मैं खोज रहा था शिष्टाचार  
 
मैं खोज रहा था शिष्टाचार  
 
 
किसी ने चेताया  
 
किसी ने चेताया  
 
 
''यह नहीं नीति संसार  
 
''यह नहीं नीति संसार  
 
 
तुम खड़े हो बाज़ार में ।
 
तुम खड़े हो बाज़ार में ।
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21:35, 4 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

बिक रहा था सब कुछ
'कुछ' के साथ 'कुछ'
मिल रहा था उपहार में

आलू प्याज टमाटर की तरह
भाव, विचार, रीति, सुनीति
सबके लगे थे भाव
फुटकर नहीं थोक में
  
लोग ख़रीद रहे थे
सबके साथ सब
कुछ के साथ सब
एक के साथ सब
कुछ को मिल रहा था
कुछ व्यवहार में
  
मैं खोज रहा था शिष्टाचार
किसी ने चेताया
यह नहीं नीति संसार
तुम खड़े हो बाज़ार में ।