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"मिट्टी-2 / अमिता प्रजापति" के अवतरणों में अंतर
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जब माना है | जब माना है |
00:14, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
जब माना है
ख़ुद को मिट्टी
तो सहना होगा जड़ों का उलझाव
साधना होगा पेड़ को भी
भेजना होगा जीवन का सत्व
पेड़ की शिराओं तक
सूरज का क्या है
आज चमका कल न चमका
पर तुम्हारी शिथिलता क्या उचित है
जब तुम बुलाओगी धरती बन आकाश को
वो भी दौड़ा चला आएगा बरसने को
तो जब मिट्टी हो
फिर यह ऎंठन कैसी
अपनी लोच कायम रखो
बनाए रखो अपना सौंधापन