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"सन्नाटा / नरेन्द्र मोहन" के अवतरणों में अंतर
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22:49, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
मैं रंगों से हो कर
रंगों में गया हूँ
रेखाओं से निकल कर
रेखाओं में समाया हूँ
यह संयोजन नहीं
सन्नाटा है
नहीं, सन्नाटे का रंग-दर्शन है
जहाँ मैं हूँ
मैं नहीं हूँ
कहाँ गुम हो गया है मेरा शब्द
क्या शब्द से बाहर है
यह सन्नाटा ?