भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"रंग-2 / जया जादवानी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= जया जादवानी |संग्रह=उठाता है कोई एक मुट्ठी ऐश्व…)
(कोई अंतर नहीं)

00:59, 6 नवम्बर 2009 का अवतरण

हद से हद खड़ी हो सकती हूँ
असीम के आँगन में
घेरती हुई कम से कम जगह
हद से हद घुल सकती हूँ
लाल रंग पर गिरी
एक बूंद सी
हद से हद देखी जा सकती हूँ
ब्रश की नोक से
एकाकार से ठीक पहले
चौंक पड़ती नीली बूंद नींद में अपनी
घुलने लगती है चुपचाप