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01:30, 6 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
वह पलटती है रोटी तवे पर
और बदल जाती है पूरी की पूरी दुनिया
खड़ी रहती है वहीं की वहीं
स्त्री
तमाम रोटियाँ सिंक जाने के बाद भी।