भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"ख़ुद को / जया जादवानी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= जया जादवानी |संग्रह=उठाता है कोई एक मुट्ठी ऐश्व…) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) छो ("ख़ुद को / जया जादवानी" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite))) |
(कोई अंतर नहीं)
|
01:34, 6 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
उठाती हूँ जल
अंजलि में
वरती हूँ ख़ुद को
ख़ुद से।