भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"ख़त-तीन / अवतार एनगिल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अवतार एन गिल |एक और दिन / अवतार एन गिल }} <poem> हे माँ! ...)
 
 
पंक्ति 2: पंक्ति 2:
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
 
|रचनाकार=अवतार एन गिल
 
|रचनाकार=अवतार एन गिल
|एक और दिन / अवतार एन गिल
+
|संग्रह=एक और दिन / अवतार एनगिल
 
}}
 
}}
 +
{{KKCatKavita}}
 
<poem>
 
<poem>
 
 
हे माँ!
 
हे माँ!
 
ले लेना
 
ले लेना

23:29, 6 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

हे माँ!
ले लेना
इस कपूत को भी
अपनी शरण में
ओर दे देना
अंतिम विश्राम
अपने विशाल अंचल तले