भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सुबह दे दो/ इब्बार रब्बी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=इब्बार रब्बी |संग्रह=वर्षा में भीगकर / इब्बार र...)
 
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=वर्षा में भीगकर /  इब्बार रब्बी
 
|संग्रह=वर्षा में भीगकर /  इब्बार रब्बी
 
}}
 
}}
 +
{{KKCatKavita}}
 
<poem>
 
<poem>
 
मुझे मेरी सुबह दे दो
 
मुझे मेरी सुबह दे दो
पंक्ति 13: पंक्ति 14:
  
 
'''रचनाकाल : फ़रवरी 1978
 
'''रचनाकाल : फ़रवरी 1978
 
 
</Poem>
 
</Poem>

19:27, 9 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

मुझे मेरी सुबह दे दो
सुबह से कम कुछ भी नहीं
सूरज से अलग कुछ भी नहीं
लाल गर्म सूरज
जोंक और मकोड़ों को जलाता हुआ
सुबह से कम कुछ भी नहीं।

रचनाकाल : फ़रवरी 1978