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मैं बोलती थी | मैं बोलती थी |
20:20, 9 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
मैं बोलती थी
और कोई नहीं
सुनता था मुझे।
मैं कलम हो गई
और अब,
सब सुन रहे हैं मुझे।