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"आज / आभा बोधिसत्त्व" के अवतरणों में अंतर

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आज महिला दिवस पर  
 
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मन में बहुत कुछ चल रहा है,
 
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क्या लिखूँ क्या न लिखूँ के बीच  
 
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समय बीत रहा है,
 
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इसी बीतने में  
 
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हर दिवस हर त्यॊहार की तरह  
 
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यह भी निकल न जाए.
 
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नही़ नहीं- मैं   
 
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मैं लिखूँगी अपनी एक कविता
 
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23:31, 9 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

आज महिला दिवस पर
मन में बहुत कुछ चल रहा है,

क्या लिखूँ क्या न लिखूँ के बीच
समय बीत रहा है,

इसी बीतने में
हर दिवस हर त्यॊहार की तरह
यह भी निकल न जाए.

नही़ नहीं- मैं
मैं लिखूँगी अपनी एक कविता