"औसत के राजमार्ग पर / आर. चेतनक्रांति" के अवतरणों में अंतर
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सर्कस जैसा कुछ था | सर्कस जैसा कुछ था | ||
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चमत्कार की चमकार में रंग-बिरंगा | चमत्कार की चमकार में रंग-बिरंगा | ||
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`हय-हय-हैरानी´ में नंगा | `हय-हय-हैरानी´ में नंगा | ||
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एक बौने के ऊपर | एक बौने के ऊपर | ||
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संरक्षणार्थ | संरक्षणार्थ | ||
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या | या | ||
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हायरार्की के सुप्रसिद्ध कानून के हितार्थ | हायरार्की के सुप्रसिद्ध कानून के हितार्थ | ||
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और, इसलिए भी कि ब्रह्मांड की सिकुड़ती नली में पृथ्वी सुरक्षित रहे | और, इसलिए भी कि ब्रह्मांड की सिकुड़ती नली में पृथ्वी सुरक्षित रहे | ||
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एक और बौना तैनात था | एक और बौना तैनात था | ||
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कहते थे उलझे-उलझे शब्दों में | कहते थे उलझे-उलझे शब्दों में | ||
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कि राजा नहीं, प्रजा नहीं, भगवान नहीं, भक्त नहीं | कि राजा नहीं, प्रजा नहीं, भगवान नहीं, भक्त नहीं | ||
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कि फाज़िल नहीं, ज़ाहिल नहीं, आसान नहीं, सख़्त नहीं | कि फाज़िल नहीं, ज़ाहिल नहीं, आसान नहीं, सख़्त नहीं | ||
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सिर्फ मीडियोकर ही दुनिया को बचाएगा | सिर्फ मीडियोकर ही दुनिया को बचाएगा | ||
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कि कृष्ण का, कि राम का, कि अभीष्ट का | कि कृष्ण का, कि राम का, कि अभीष्ट का | ||
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कि वेस्ट का और, कि ईस्ट का | कि वेस्ट का और, कि ईस्ट का | ||
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मिला-जुला ख़ुदा एक आएगा | मिला-जुला ख़ुदा एक आएगा | ||
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वह होगा प्रतिभा-सम्पन्न अनुगामी | वह होगा प्रतिभा-सम्पन्न अनुगामी | ||
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सत्ता-तक-जा-पहुँचों का अन्तर्यामी | सत्ता-तक-जा-पहुँचों का अन्तर्यामी | ||
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उसे कोई नहीं रोक पाएगा | उसे कोई नहीं रोक पाएगा | ||
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जब वह रास्ते के बीच के रास्ते के भी बीच के रास्ते से | जब वह रास्ते के बीच के रास्ते के भी बीच के रास्ते से | ||
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ठस खड़ी किंकर्त्तव्यविमूढ़ों की भीड़ से | ठस खड़ी किंकर्त्तव्यविमूढ़ों की भीड़ से | ||
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सुई की तरह निकल जाएगा | सुई की तरह निकल जाएगा | ||
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और मंच पर जाकर गाएगा | और मंच पर जाकर गाएगा | ||
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एक हज़ारवीं बार मीडियोक्रेसी का राष्ट्रीय गीत | एक हज़ारवीं बार मीडियोक्रेसी का राष्ट्रीय गीत | ||
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और आत्मा में अवरुद्ध–ठूँस-ठूँसकर प्रबुद्ध | और आत्मा में अवरुद्ध–ठूँस-ठूँसकर प्रबुद्ध | ||
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टुक-टुक असमंजस में èा¡सी भीड़ | टुक-टुक असमंजस में èा¡सी भीड़ | ||
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हल्की और मुक्त होकर तालियाँ बजाएगी | हल्की और मुक्त होकर तालियाँ बजाएगी | ||
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और पहले ही रेले के साथ सारी-की-सारी चली जाएगी | और पहले ही रेले के साथ सारी-की-सारी चली जाएगी | ||
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जहाँ होगा सबका साझा स्वर्ग | जहाँ होगा सबका साझा स्वर्ग | ||
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थोड़ा मीठा, थोड़ा नमकीन, थोड़ा कुरकुरा | थोड़ा मीठा, थोड़ा नमकीन, थोड़ा कुरकुरा | ||
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मèयम का। | मèयम का। | ||
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00:35, 10 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
सर्कस जैसा कुछ था
चमत्कार की चमकार में रंग-बिरंगा
`हय-हय-हैरानी´ में नंगा
एक बौने के ऊपर
संरक्षणार्थ
या
हायरार्की के सुप्रसिद्ध कानून के हितार्थ
और, इसलिए भी कि ब्रह्मांड की सिकुड़ती नली में पृथ्वी सुरक्षित रहे
एक और बौना तैनात था
कहते थे उलझे-उलझे शब्दों में
कि राजा नहीं, प्रजा नहीं, भगवान नहीं, भक्त नहीं
कि फाज़िल नहीं, ज़ाहिल नहीं, आसान नहीं, सख़्त नहीं
सिर्फ मीडियोकर ही दुनिया को बचाएगा
कि कृष्ण का, कि राम का, कि अभीष्ट का
कि वेस्ट का और, कि ईस्ट का
मिला-जुला ख़ुदा एक आएगा
वह होगा प्रतिभा-सम्पन्न अनुगामी
सत्ता-तक-जा-पहुँचों का अन्तर्यामी
उसे कोई नहीं रोक पाएगा
जब वह रास्ते के बीच के रास्ते के भी बीच के रास्ते से
ठस खड़ी किंकर्त्तव्यविमूढ़ों की भीड़ से
सुई की तरह निकल जाएगा
और मंच पर जाकर गाएगा
एक हज़ारवीं बार मीडियोक्रेसी का राष्ट्रीय गीत
और आत्मा में अवरुद्ध–ठूँस-ठूँसकर प्रबुद्ध
टुक-टुक असमंजस में èा¡सी भीड़
हल्की और मुक्त होकर तालियाँ बजाएगी
और पहले ही रेले के साथ सारी-की-सारी चली जाएगी
जहाँ होगा सबका साझा स्वर्ग
थोड़ा मीठा, थोड़ा नमकीन, थोड़ा कुरकुरा
मèयम का।