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"राजधानी में बैल 3 / उदय प्रकाश" के अवतरणों में अंतर

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सूर्य सबसे पहले बैल के सींग पर उतरा
 
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फिर टिका कुछ देर चमकता हुआ
 
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हल की नोक पर
 
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घास के नीचे की मिट्टी पलटता हुआ सूर्य
 
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बार-बार दिख जाता था
 
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झलक के साथ
 
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जब-जब फाल ऊपर उठते थे
 
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इस फसल के अन्न में
 
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होगा
 
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धूप जैसा आटा
 
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बादल जैसा भात
 
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हमारे घर के कुठिला में
 
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इस साल
 
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कभी न होगी रात ।
 
कभी न होगी रात ।
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22:52, 10 नवम्बर 2009 का अवतरण

सूर्य सबसे पहले बैल के सींग पर उतरा
फिर टिका कुछ देर चमकता हुआ
हल की नोक पर

घास के नीचे की मिट्टी पलटता हुआ सूर्य
बार-बार दिख जाता था
झलक के साथ
जब-जब फाल ऊपर उठते थे

इस फसल के अन्न में
होगा
धूप जैसा आटा
बादल जैसा भात
हमारे घर के कुठिला में
इस साल
कभी न होगी रात ।