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"बस में पिता / उदय प्रकाश" के अवतरणों में अंतर

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|संग्रह= रात में हारमोनिययम / उदय प्रकाश
 
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मैंने बिल्कुल साफ़-साफ़ देखा
 
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उस बस पर बैठे
 
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कहीं जा रहे थे पिता
 
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उनके सफ़ेद गाल, तम्बाकू भरा उनका मुँह
 
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किसी को न पहचानती उनकी आँखें
 
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उस बस को रोको
 
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जो अदृश्य हो जाएगी अभी
 
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उस बस तक
 
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क्या
 
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पहुँच सकती है
 
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मेरी आवाज़ ?
 
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उस बस पर बैठ कर
 
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इस तरह क्यों चले गए पिता ?
 
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00:36, 11 नवम्बर 2009 का अवतरण

मैंने बिल्कुल साफ़-साफ़ देखा
उस बस पर बैठे
कहीं जा रहे थे पिता

उनके सफ़ेद गाल, तम्बाकू भरा उनका मुँह
किसी को न पहचानती उनकी आँखें

उस बस को रोको
जो अदृश्य हो जाएगी अभी

उस बस तक
क्या
पहुँच सकती है
मेरी आवाज़ ?

उस बस पर बैठ कर
इस तरह क्यों चले गए पिता ?