भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पितु मातु सहायक स्वामी / भजन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKBhajan |रचनाकार= }} <poem>पितु मातु सहायक स्वामी पितु मातु सहायक स्व…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
01:17, 13 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
पितु मातु सहायक स्वामी
पितु मातु सहायक स्वामी सखा तुमही एक नाथ हमारे हो .
जिनके कछु और आधार नहीं तिन्ह के तुमही रखवारे हो ..
सब भांति सदा सुखदायक हो दुःख दुर्गुण नाशनहारे हो .
प्रतिपाल करो सिगरे जग को अतिशय करुणा उर धारे हो ..
भुलिहै हम ही तुमको तुम तो हमरी सुधि नाहिं बिसारे हो ..
उपकारन को कछु अंत नही छिन ही छिन जो विस्तारे हो .
महाराज! महा महिमा तुम्हरी समुझे बिरले बुधवारे हो .
शुभ शांति निकेतन प्रेम निधे मनमंदिर के उजियारे हो ..
यह जीवन के तुम्ह जीवन हो इन प्राणन के तुम प्यारे हो .
तुम सों प्रभु पाइ प्रताप हरि केहि के अब और सहारे हो ..