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"प्रभु को बिसार / भजन" के अवतरणों में अंतर

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01:17, 13 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

प्रभु को बिसार किसकी आराधना करूं मैं .
पा कल्पतरु किसीसे क्या याचना करूं मैं ..
मोती मिला मुझे जब मानस के मानसर में .
कंकड़ बटोरने की क्यों चाहना करूं मैं ..
मुझको प्रकाश प्रतिपल आनंद आंतरिक है .
जग के क्षणिक सुखों की क्या कामना करूं मैं ..