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"समय-4 / दुष्यन्त" के अवतरणों में अंतर

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घड़ी की सूईयों में कैद।
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घड़ी की सूईयों में क़ैद।
  
 
   
 
   
 
'''मूल राजस्थानी से अनुवाद- मदन गोपाल लढ़ा'''
 
'''मूल राजस्थानी से अनुवाद- मदन गोपाल लढ़ा'''
 
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03:18, 16 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

समय नहीं है
घड़ी में
घंटा-मिनट-सैकंड की
सूई का मोमेंटम

समय है इतिहास के पन्नों पर
अंकित होते
आखर-आखर
दुख, सुख, खुशियाँ, नाकामयाबियाँ और
कामयाबियाँ...

सचमुच समय नहीं है
केवल
घड़ी की सूईयों में क़ैद।

 
मूल राजस्थानी से अनुवाद- मदन गोपाल लढ़ा