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"न देवता न ईश्वर / शहंशाह आलम" के अवतरणों में अंतर

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मेरी इच्छा है
 
मेरी इच्छा है

03:53, 17 नवम्बर 2009 का अवतरण

मेरी इच्छा है
तुम्हें दूँ झमाझम बरसात
तुम्हें दूँ इतना जल
ताकि तुम्हें
'जट-जटिन' नहीं खेलना पड़े
ताकि तुम
जी भर प्यास बुझा सको
कपड़े धो सको
नहा सको
नाव पर या नदी किनारे बैठकर
मछलियाँ पकड़ सको
मेरी इच्छा है
तुम्हें-साफ-स्वच्छ नगर दूँ
कुशल अभियंता
गुणवत्ता अमात्य-महामात्य
निष्पक्ष पत्रकार
ईमानदार आरक्षी
अच्छे सैनिक
अच्छे शिक्षक
अच्छे ग्रह-नक्षत्र
उत्सव पर्व हर्ष गर्व
संघर्ष-गाथाएं आदि सब दूँ

चूहों चीटियों को नायाब बिल दूँ
दूँ चिड़ियों को सुरक्षित वृक्ष
समुद्र को उसके नष्ट हो चुके जीव-जन्तु
तुम्हें रहने को घर दूँ
और तीली दूँ माचिस की
इस बेहद अन्धेरी दुनिया में
करने को छेद
भेदने को अन्धेरा
तुम जो चाहो
हो जाएं उपस्थित तुम्हारे समक्ष
तुम सोचो
मृत सोचो
मृत आँखों में आ जाए जान
किवाड़ों खिड़कियों के
बाहर के दृश्य सारे
हो जाएँ सुन्दर
आंगन में और छतों पर
उतरें सूर्य और चंद्र
अपनी पूरी दिव्यता के साथ
आंगन और छतों से भाग जाएँ दुख ताकि

मेरी इच्छा है
तुम्हें सौपूँ
कवि
संगीतकार
चित्रकार
अभिनेता और अभिनेत्री
समूची धरती और समूचा आकाश
सोमालिया और इराक
बनारस और कोहिमा
महानंदा और मेघना
सुपात्र और कुपात्र
ज़रुरी और ग़ैरज़रूरी चीज़ें
खपरैल और फूस घर
अगल और बगल
सब कुछ सब कुछ सौंपूँ तुम्हें ही
न यक्ष-यक्षिणी
न जोगी-जोगन
न ऋषि-मुनि
न देवता न ईश्वर
...बल्कि
एक सच्चा और अच्छा मनुष्य
यदि तुम चाहो
तो सौंप दूँ