भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"तीन दोस्त / दुष्यंत कुमार" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= दुष्यंत कुमार |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} <poem> ... हम तीन बीज …)
 
छो ("तीन दोस्त / दुष्यंत कुमार" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
(कोई अंतर नहीं)

02:34, 19 नवम्बर 2009 का अवतरण

...
हम तीन बीज
उगने के लिए पड़े हैं हर चौराहे पर
जाने कब वर्षा हो कब अंकुर फूट पड़े,
हम तीन दोस्त घुटते हैं केवल इसीलिए
इस ऊब घुटन से जाने कब सुर फूट पड़े ।