भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"राइफ़ल / अरविन्द श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अरविन्द श्रीवास्तव |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} <Poem> राइफले…)
 
(कोई अंतर नहीं)

03:04, 29 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

राइफलें
जो किसी पत्ते की खड़खड़ाहट
कि दिशा में
तड़तड़ा उठी थीं
और किसी संकट को टाल देने की
विजय मुद्रा में
चाहता था राइफलधारी मुस्कुराना

जिसे बड़े ही ध्यान से
देख रहा था
पत्ते की ओट से
एक चूहा !