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01:00, 10 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण

1.

बच्चियों के 'दूध'
पी गए बच्चे सारे
वे 'पानी पीकर' सो रही हैं...
उठेंगी अभी
सारे अभावों को देंगी बुहार
आँखों से पानी
और छाती से दूध उतार
पानी और दूध की क़िल्लत दूर करेंगी
बच्चियाँ

2.

बच्चियाँ
टी०वी० देख रही हैं
टी०वी० में
सीता राम का ब्याह हो रहा है

अभी बजेगी दरवाज़े की घंटी
कोई आएगा थुलथुल
एक चीकट मेहमान
सोफ़े पर पसर जायेगा
बच्चियाँ किचन में घुस
चाय बनाएँगी
पकौड़े छानेंगी

स्वयंवर का धनुष टूटते-टूटते
हो ही जाता है कोई अड़भंग
कोई पूरा ब्याह
कहाँ देख पाती हैं बच्चियाँ!