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"बोल लेने के बाद / गिरिराज किराडू" के अवतरणों में अंतर

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11:04, 26 दिसम्बर 2009 का अवतरण

बोल लेने के बाद दम साधे इन्तज़ार कर रहा था कि जिन शब्दों से बनी थी यह
आवाज़ जब गिरेंगे वे शब्द पृथ्वी पर तो कुछ तो आवाज़ होगी
मैं दम साधे ही खड़ा रहा
कोई आवाज़ न हुई
वहम हुआ कुछ देर के लिए हवा में ठहर गए हैं वे
या उन्हीं ने मिलकर बना ली है ख़ामोशी
या साइलेन्सर लगे रिवाल्वर से किसी ने शूट कर दिया है उन्हें