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"तुम्हारा आना... / राहुल झा" के अवतरणों में अंतर

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13:50, 26 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण

बही गूँजती पगवाहट आली-सा
और भीतर के संसार में
कुछ बजता-सा...

मन की हरी टहनी हिलाकर कहता हूँ
कि तुम आई हो-

हवा के ठंडे झोंके की तरह!