भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"प्रेम-4 / रविकान्त" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रविकान्त }} {{KKCatKavita}} <poem> हम मज़बूर नहीं हैं। फिर भी, ह…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
14:25, 26 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण
हम मज़बूर नहीं हैं।
फिर भी,
हम अपनी मज़बूरियों को जगाते हैं
और एक-दूसरे से जोड़ देते हैं।