भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"स्कूल / मोहन राणा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
छो (स्कूल /मोहन राणा का नाम बदलकर स्कूल / मोहन राणा कर दिया गया है) |
(कोई अंतर नहीं)
|
17:30, 26 दिसम्बर 2009 का अवतरण
पहले मुझे क़िताब की जिल्द मिली
फिर एक कॉपी
बस्ते में और कुछ नहीं बचा इतने बरस बाद
घंटी सुनते ही जाग पड़ा
मैदान में कोई नहीं था दसवीं बी में भी कोई नहीं
क्या आज स्कूल की छुट्टी है सोचा मैंने
हवाई जहाज मध्य यूरोप में कहीं था और मैं
कई बरस पहले अपने स्कूल
धरती ने ली सांस
हँसा समुंदर
आकाश खोज में है अनंतता की
बहुत पहले मैंने उकेरा अपना नाम मेज पर
समय की त्वचा के नीचे धूमिल
कोई तारीख़
कोई दोपहर उड़ा लाती हवा के साथ
किसी बात की जड़
मैं वह दीवार हूँ
जिसकी दरार में उगा है वह पीपल
5.9.2006