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"यदि / मोहन राणा" के अवतरणों में अंतर
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नाव खो देगी अपना किनारा, | नाव खो देगी अपना किनारा, | ||
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अतीत में किसी वर्तमान को खोजते | अतीत में किसी वर्तमान को खोजते | ||
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17:52, 26 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण
वे मर जाएंगे
तो विलुप्त हो जाएंगी लहरें
पत्थर हो जाएगी नदी
जीवाश्म हो जाएंगी मछलियाँ पानी में
नाव खो देगी अपना किनारा,
यदि लहरों के राजहंस मर जाएँ
हम रुके रह जाएंगे
अतीत में किसी वर्तमान को खोजते
रचनाकाल: 8.4.2006