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"उनका हो जाता हूँ / त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर

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चोट जभी लगती है
 
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तभी हँस देता हूँ
 
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देखने वालों की आँखें
 
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उस हालत में
 
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देखा ही करती हैं
 
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आँसू नहीं लाती हैं
 
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और  
 
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जब पीड़ा बढ़ जाती है
 
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बेहिसाब
 
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तब
 
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जाने-अनजाने लोगों में
 
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जाता हूँ
 
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उनका हो जाता हूँ
 
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हँसता हँसाता हूँ
 
हँसता हँसाता हूँ
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12:24, 27 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण

चोट जभी लगती है
तभी हँस देता हूँ
देखने वालों की आँखें
उस हालत में
देखा ही करती हैं
आँसू नहीं लाती हैं

और
जब पीड़ा बढ़ जाती है
बेहिसाब
तब
जाने-अनजाने लोगों में
जाता हूँ
उनका हो जाता हूँ
हँसता हँसाता हूँ