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"क्रूर जीवन का दृश्य / आरागों" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
हेमंत जोशी (चर्चा | योगदान) |
छो (क्रूर जीवन का दृश्य/ आरागों का नाम बदलकर क्रूर जीवन का दृश्य / आरागों कर दिया गया है) |
(कोई अंतर नहीं)
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16:25, 27 दिसम्बर 2009 का अवतरण
लुई दल्युक के लिए
मुझे लगता है कि वह मुझे भूल गई होगी
पागलपन में
इंतज़ार है कि वह बाँधेगी मुझे अपनी ख़ुशी से
आलिंगन में
अगर धोखा दिया उसने मुझे
हाँ-हाँ धोखा
किसी मूरत सी सुन्दर क्यों न हो वह
मैं उसे मार ही न डालूँ।
ले देस्तीने द ला पोयज़ी(1925-1926) से
मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी