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"त्रासदी की कथा या ख़ुशी की कथा / विनोद तिवारी" के अवतरणों में अंतर

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त्रासदी की कथा या ख़ुशी की कथा
 
त्रासदी की कथा या ख़ुशी की कथा
मिलती-जुलती मिली हर किसी
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मिलती-जुलती मिली हर किसी की कथा
  
 
क्रूर क़िस्से अँधेरों के मशहूर थे
 
क्रूर क़िस्से अँधेरों के मशहूर थे
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नन्हें दीपक ने दीपावली से कहा
 
नन्हें दीपक ने दीपावली से कहा
तुमको कैसी कगी रोशनी की कथा
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विश्व की वेदना मेरी संवेदना
 
विश्व की वेदना मेरी संवेदना
 
मैंने पल-पल सुनी ज़िंदगी की कथा
 
मैंने पल-पल सुनी ज़िंदगी की कथा
  
स्वर लहरियों में बहते हुए खो गए
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स्वर-लहरियों में बहते हुए खो गए
 
थी हवा की छुवन बाँसुरी की कथा
 
थी हवा की छुवन बाँसुरी की कथा
  
 
बंजरों मरुथलों में भटकती फिरी
 
बंजरों मरुथलों में भटकती फिरी
प्तास ही प्यास थी जिस नदी की कथा
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प्यास ही प्यास थी जिस नदी की कथा
  
इक धमाका ,धुआँ,ध्वस्त होती धरा
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इक धमाका, धुआँ ,ध्वस्त होती धरा
 
बन न जाए कहीं इस सदी की कथा
 
बन न जाए कहीं इस सदी की कथा
 
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18:01, 27 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण


त्रासदी की कथा या ख़ुशी की कथा
मिलती-जुलती मिली हर किसी की कथा

क्रूर क़िस्से अँधेरों के मशहूर थे
कौन सुनता सरल चाँदनी की कथा

नन्हें दीपक ने दीपावली से कहा
तुमको कैसी लगी रोशनी की कथा

विश्व की वेदना मेरी संवेदना
मैंने पल-पल सुनी ज़िंदगी की कथा

स्वर-लहरियों में बहते हुए खो गए
थी हवा की छुवन बाँसुरी की कथा

बंजरों मरुथलों में भटकती फिरी
प्यास ही प्यास थी जिस नदी की कथा

इक धमाका, धुआँ ,ध्वस्त होती धरा
बन न जाए कहीं इस सदी की कथा