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हलात के कदमो मे कलन्दर नहीँ गिरता,
 
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गर टूटे तारा तो जमी पर नहीँ गिरता।
 
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बडे शौक से गिरते हैँ समन्दर मेँ दरिया,
 
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पर किसी दरिया मेँ समन्दर नहीँ गिरता।
 
पर किसी दरिया मेँ समन्दर नहीँ गिरता।
  
राजकमल नायक बरदापुटीवाले
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नायक बरदापुटीवाले

22:52, 29 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण

हलात के कदमो मे कलन्दर नहीँ गिरता,

गर टूटे तारा तो जमी पर नहीँ गिरता।

बडे शौक से गिरते हैँ समन्दर मेँ दरिया,

पर किसी दरिया मेँ समन्दर नहीँ गिरता।

नायक बरदापुटीवाले