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"संकल्प / मृत्यु-बोध / महेन्द्र भटनागर" के अवतरणों में अंतर

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पूर्ण निष्ठावान  
 
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हम,
 
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आश्वस्त हो उतरे
 
आश्वस्त हो उतरे
 
 
विकट जीवन-मरण के
 
विकट जीवन-मरण के
 
 
द्वन्द्व में !
 
द्वन्द्व में !
 
 
बन सिपाही
 
बन सिपाही
 
 
अमर जीवन-वाहिनी के,
 
अमर जीवन-वाहिनी के,
 
 
घिर न पाएंगे
 
घिर न पाएंगे
 
 
विपक्षी के किसी
 
विपक्षी के किसी
 
 
छल-छन्द में !
 
छल-छन्द में !
 
  
 
हार जाएँ,
 
हार जाएँ,
 
 
पर, वर्चस्व मानेंगे नहीं
 
पर, वर्चस्व मानेंगे नहीं
 
  
 
तनिक भी मरण का,
 
तनिक भी मरण का,
 
 
अधिकार अपना
 
अधिकार अपना
 
 
छिनने नहीं देंगे
 
छिनने नहीं देंगे
 
 
जीवन वरण का !
 
जीवन वरण का !
 
 
जयघोष गूँजेगा
 
जयघोष गूँजेगा
 
 
चरम निश्वास तक,
 
चरम निश्वास तक,
 
 
संघर्षरत
 
संघर्षरत
 
 
बल-प्राण जूझेगा
 
बल-प्राण जूझेगा
 
 
शेष आस / प्रयास तक !
 
शेष आस / प्रयास तक !
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15:04, 1 जनवरी 2010 का अवतरण

पूर्ण निष्ठावान
हम,
आश्वस्त हो उतरे
विकट जीवन-मरण के
द्वन्द्व में !
बन सिपाही
अमर जीवन-वाहिनी के,
घिर न पाएंगे
विपक्षी के किसी
छल-छन्द में !

हार जाएँ,
पर, वर्चस्व मानेंगे नहीं

तनिक भी मरण का,
अधिकार अपना
छिनने नहीं देंगे
जीवन वरण का !
जयघोष गूँजेगा
चरम निश्वास तक,
संघर्षरत
बल-प्राण जूझेगा
शेष आस / प्रयास तक !