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"आदमी - 2 / पंकज सुबीर" के अवतरणों में अंतर

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कल उसने सचमुच चौंका दिया था मुझको
 
कल उसने सचमुच चौंका दिया था मुझको

23:28, 1 जनवरी 2010 के समय का अवतरण

कल उसने सचमुच चौंका दिया था मुझको
यह कह कर कि तुम एक बेईमान आदमी हो.....।
हतप्रभ रह गया था मैं,
क्या बेईमान होना, और आदमी होना,
दो अलग अलग बातें हैं ....?
और यदि हैं,
तो आख़िर फर्क क्या है....?
बेईमान होने में
और आदमी होने में ....?