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"शहादत / बसंत त्रिपाठी" के अवतरणों में अंतर

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21:55, 4 जनवरी 2010 के समय का अवतरण

शहादतों के लम्बे इतिहास की तारीख़ें
अक्सर वहाँ गुम हो जाती हैं
जहाँ से शुरू होती हैं
सुखों को पालतू बनाने की कवायदें

स्थगित होती जाती हैं
चेहरे पर गुस्से की लकीरें

फिर गुज़रता है
चुप्पी का एक अन्तहीन काफ़िला।