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"आत्मा परमात्मा / अश्वघोष" के अवतरणों में अंतर
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05:11, 11 जनवरी 2010 के समय का अवतरण
आत्मा परमात्मा की व्यंजना है
क्या पता ये सत्य है या कल्पना है
देश को क्या देखते हो पोस्टर में
आदमी देखो मुकम्मल आइना है
क्या गिरेगा पेड़ वो इन आन्धियो से
जिसकी जड़ में गाँव भार की प्रार्थना है
उसके सपनों को शरण मत दीजिएगा
इनको आखिर बाढ़ में ही डूबना है
इन अन्धेरो को अभी रखना नज़र में
क्योंकि इनमें सूर्य की सम्भावना है