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"स्त्री की आवाज़ / रंजना जायसवाल" के अवतरणों में अंतर
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स्त्री की आवाज़
कुएँ से निकलकर
दरिया तक
पहुँचती है
और मौजों पर
सवारी गाँठ
जा पहुँचती है
समुद्र तक...।