भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"स्त्री की आवाज़ / रंजना जायसवाल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना जायसवाल |संग्रह=मछलियाँ देखती हैं सपने / …)
 
(कोई अंतर नहीं)

23:45, 23 जनवरी 2010 के समय का अवतरण

स्त्री की आवाज़
कुएँ से निकलकर
दरिया तक
पहुँचती है

और मौजों पर
सवारी गाँठ
जा पहुँचती है
समुद्र तक...।