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अबला के आँसू हैं, अंगार और पानी है | अबला के आँसू हैं, अंगार और पानी है | ||
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06:34, 26 दिसम्बर 2006 का अवतरण
सम्मान/ मानदोपाधि -
विद्या वाचस्पति, संत कबीर पुरस्कार, निराला सम्मान, महादेवी वर्मा सम्मान, भारती भूषण सम्मान आदि 41 विभिन्न साहित्यिक, सांस्कृतिक संस्थानों / अकादमी द्वारा सम्मानित
सम्प्रति -
काव्य रचनारत एवं समाज सेवा
आत्म कथ्य -
जग की खुशियों से ही नहीं, पीड़ाओं से भी पहचान कराना, हम कवियों का धर्म है इसलिए मेरी कविताओं में कहीं सूखी सरिता कहीं तरंगित दरिया का पानी है सुख- दुख का संगम है, सुधा और गरल है अबला के आँसू हैं, अंगार और पानी है
Email:
rajivsinghonline@hotmail.com