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"ख़ुदा / मोहम्मद अलवी" के अवतरणों में अंतर

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की मैंने तुझे
 
की मैंने तुझे
 
आज तक क्यों न जाना
 
आज तक क्यों न जाना

21:20, 3 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

मुझे इसका दुःख है
की मैंने तुझे
आज तक क्यों न जाना
खुदा ऐ खुदा
मैं समझाता था तू
एक जालिम है जो
मुझ पे जुल्मो सितम ढा रहा है
मुझे ये खबर ही नहीं थी
की तू भी
दुखी है
अकेला है
मैं और तू
एक ही आग में जल रहें है